दयार-ए-इश्क़ में महरूमियों के हैं चर्चे Admin नजारे शायरी, Qita << जो मुज़य्यन हों तिरे हुस्... दयार-ए-इश्क़ में महरूमियों के हैं चर्चे दयार-ए-हुस्न में मग़रूर सब नज़ारे हैं उन्हें समझने की कोशिश तो कीजिए 'अफ़ज़ल' वो दिल-फ़रेब निगाहों के जो इशारे हैं Share on: