ईद का दिन है फ़ज़ा में गूँजते हैं क़हक़हे By Qita << काम आईं शोख़ियाँ न अदा का... मैं ने हर बार तुझ से मिलत... >> ईद का दिन है फ़ज़ा में गूँजते हैं क़हक़हे झूलती हैं लड़कियाँ झूलों पे गाती हैं मल्हार मेरा झूला जिस से हैं लिपटे हुए सरसों के फूल देखता है एक नुक्कड़ को लपक कर बार बार Share on: