एक मुद्दत सितम उठाने पर By Qita << मैं ने हर बार तुझ से मिलत... दूर पीपल की बूढ़ी शाख़ों ... >> एक मुद्दत सितम उठाने पर जब नज़र कामयाब होती है हुस्न-ए-रंगीं की वो पशेमानी आप अपना जवाब होती है Share on: