फ़ुग़ान-ए-ग़म सुरूद-ए-अंजुमीं मालूम होती है By Qita << ग़म-ए-दिल का इलाज दुनिया ... फ़िदा-ए-मंज़िल-ए-बे-जादा ... >> फ़ुग़ान-ए-ग़म सुरूद-ए-अंजुमीं मालूम होती है तपिश दिल की बहार-ए-यासमीं मालूम होती है मिरा काफ़िर मज़ाक़-ए-हुस्न अब तुम पूछते क्या हो मुझे अपनी तबाही भी हसीं मालूम होती है Share on: