है कुछ ऐसी ही बरहमी ऐ दिल By Qita << पास रह कर जुदाई की तुझ से झुक गईं मिल के अजनबी आँखे... >> है कुछ ऐसी ही बरहमी ऐ दिल ग़म-ए-हस्ती के पाएमालों में दोस्तों के हँसी उड़ाने पर उलझनें जिस तरह ख़यालों में Share on: