हमारे चारों तरफ़ है हुजूम काँटों का Admin शायरी फूलों पर, Qita << हमारी क़ुव्वत-ए-पर्वाज़ क... हैं आँधियों में भी रौशन च... >> हमारे चारों तरफ़ है हुजूम काँटों का यहाँ पे पहुँचे हैं फूलों की चाह करते हुए लिबास मिल गया 'अफ़ज़ल' वहीं तहारत का तिरा ख़याल जो आया गुनाह करते हुए Share on: