जज़्बा-ए-शौक़ की तकमील नहीं हो सकती By इश्क़, Qita << मैं रास्ते का बोझ हूँ मेर... जाने वाले हमारी महफ़िल से >> जज़्बा-ए-शौक़ की तकमील नहीं हो सकती ज़िंदगी मौत है एहसास-ए-मसर्रत के बग़ैर फ़क़त आसाब की तस्कीन है तौहीन-ए-हयात सिर्फ़ हैवान है इंसान मोहब्बत के बग़ैर Share on: