कब तक बोझल पलकों से अश्कों के सितारे टूटेंगे By Qita << अगर अपना कहा तुम आप ही सम... आज पनघट पे ये गाता हुआ कौ... >> कब तक बोझल पलकों से अश्कों के सितारे टूटेंगे कब तक आहें सिसक सिसक कर होंटों पर दम तोड़ेंगी कब तक मैं यास-ओ-उम्मीद के दोराहे पर डोलूँगा कब तक तेरी यादें मेरे टूटे सपने जोड़ेंगी Share on: