न दीद है न सुख़न अब न हर्फ़ है न पयाम By उदासी, रोमांटिक, Qita << क़ाफ़िले मंज़िल-ए-महताब क... मेरे माज़ी से चली आती है ... >> न दीद है न सुख़न अब न हर्फ़ है न पयाम कोई भी हीला-ए-तस्कीं नहीं और आस बहुत है उमीद-ए-यार नज़र का मिज़ाज दर्द का रंग तुम आज कुछ भी न पूछो कि दिल उदास बहुत है Share on: