नहले पे दहला By Qita << मसअला पानी का समेट लो ज़रा आँचल कि रौशन... >> देखा जो ज़ुल्फ़-ए-यार में काग़ज़ का एक फूल मैं कोट में गुलाब लगा कर चला गया पाउडर लगा के चेहरे पे आए वो मेरे घर मैं उन के घर ख़िज़ाब लगा कर चला गया Share on: