रंग-ए-हर्फ़-ए-सदा की दुनिया में By Qita << तू मिरी ज़िंदगी का परतव ह... ये चमेली की अध-खिली कलिया... >> रंग-ए-हर्फ़-ए-सदा की दुनिया में ज़िंदगी क़त्ल हो गई है कहीं मर गया लफ़्ज़ उड़ गया मफ़्हूम और आवाज़ खो गई है कहीं Share on: