ताना-ए-इस्याँ देने वालो एक नज़र इस पर भी डालो By Qita << दोस्त! क्या हुस्न के मुक़... गए दिनों में ये इनआम होने... >> ताना-ए-इस्याँ देने वालो एक नज़र इस पर भी डालो मेरी तौबा के शीशे पर फ़ितरत ने ख़ुद पत्थर फेंका बे-मौसम घिर आए बादल बिन बादल भी बरसा पानी मैं ने जब भी तौबा कर के मीना तोड़ी साग़र फेंका Share on: