वो सब्ज़ खेत के उस पार एक चटान के पास By Qita << तमाम शब दिल-ए-वहशी तलाश क... शिकन न डाल जबीं पर शराब द... >> वो सब्ज़ खेत के उस पार एक चटान के पास कड़कती धूप में बैठी है एक चरवाही परे चटान से पगडंडियों के जालों में भटकता फिरता है वो एक नौजवाँ राही Share on: