अब और ज़मीन-ओ-आसमाँ पैदा हो Admin Rubaai << अहबाब मुलाक़ात को जो आते ... जो कुछ मुसीबतें हैं तुझ प... >> अब और ज़मीन-ओ-आसमाँ पैदा हो क़ुदरत से नया इक जहाँ पैदा हो इस वास्ते ये दुआएँ करता हूँ 'रशीद' शायद मिरा कोई क़द्र-दाँ पैदा हो Share on: