माना वाइ'ज़ बड़ा ही अल्लामा है Admin प्यार के नाम शायरी, Rubaai << नक़्शा लैल-ओ-नहार का खींच... मैं सर पे गुनाहों का लिए ... >> माना वाइ'ज़ बड़ा ही अल्लामा है महशर का ज़बान पे उस के हंगामा है क्यूँ कर न मिले नजात सब को 'माइल' क़िस्मत के मुताबिक़ तो अमल-नामा है Share on: