अख़्लाक़ से हो गई आरी दुनिया By Rubaai << अल्फ़ाज़ की रग रग में रचा... ख़ाशाक-ए-वजूद एक भँवर में... >> अख़्लाक़ से हो गई आरी दुनिया सर-ता-ब-क़दम है कारोबारी दुनिया मोहलिक है बहुत जौहर-ए-इंसाँ का ज़वाल किस जाल में फँस गई हमारी दुनिया Share on: