अल्लाह मताअ-ए-ज़िंदगानी मिल जाए By Rubaai << भूलता जाता है यूरोप आसमान... एहसान जो अजल से काम तेरा ... >> अल्लाह मताअ-ए-ज़िंदगानी मिल जाए फिर अहद-ए-शबाब की निशानी मिल जाए थी आस बुढ़ापे में तिरी मिलने की जब तू न मिला तो फिर जवानी मिल जाए Share on: