देखो शब-ए-हिज्र की दराज़ी देखो By Rubaai << हर दर्द को कर लिया गवारा ... बरसात की छा गईं घटाएँ साक... >> देखो शब-ए-हिज्र की दराज़ी देखो आशोब-ए-अलम की जाँ-गुदाज़ी देखो देखो तो ज़रा नियाज़-मंदी मेरी और इस पे तुम अपनी बे-नियाज़ी देखो Share on: