दिल ने ग़म-ए-बे-हिसाब क्या क्या देखा By Rubaai << लचका लचका बदन मुजस्सम है ... क्या तेरे ख़याल ने भी छेड... >> दिल ने ग़म-ए-बे-हिसाब क्या क्या देखा आँखों से जहाँ में ख़्वाब क्या क्या देखा तिफ़्ली ओ शबाब ओ ऐश ओ रंज ओ राहत इस उम्र ने इंक़लाब क्या क्या देखा Share on: