फूलों से तमीज़-ए-ख़ार पैदा कर लें Admin तमीज शायरी, Rubaai << सरमाया-ए-ए'तिबार दे द... नाला तेरा नाज़ से बाला है >> फूलों से तमीज़-ए-ख़ार पैदा कर लें यक-रंगी-ए-ए'तिबार पैदा कर लें ठहरो चलते हैं सैर-ए-गुलशन को रवाँ पहले दिल में बहार पैदा कर लें Share on: