ग़ुंचे तेरी ज़िंदगी पे दिल हिलता है Admin बाबा साहेब शायरी, Rubaai << आप हैं महव-ए-हुस्न-ओ-राना... मज्ज़ूब >> ग़ुंचे तेरी ज़िंदगी पे दिल हिलता है सिर्फ़ एक तबस्सुम के लिए खिलता है ग़ुंचे ने कहा कि इस चमन में बाबा ये एक तबस्सुम भी किसे मिलता है Share on: