गुलशन में सबा को जुस्तुजू तेरी है By Rubaai << पनघट पे गगरियाँ छलकने का ... निखरे बदन का मुस्कुराना ह... >> गुलशन में सबा को जुस्तुजू तेरी है बुलबुल की ज़बान पे गुफ़्तुगू तेरी है हर रंग में जल्वा है तेरी क़ुदरत का जिस फूल को सूँघता हूँ बू तेरी है Share on: