हिन्दोस्तान छोड़ दो Admin कुछ रिश्ते शायरी, Rubaai << प्यार का दोनों पे आख़िर ज... ए'तिराफ़ >> जब रूह परेशान है तन छोड़ के जाए अच्छा नहीं लगता तो वतन छोड़ के जाए किस रिश्ते को ख़ुशबुओं के रूमाल में बाँधें हर रिश्ता अगर एक चुभन छोड़ के जाए Share on: