जब मायूसी दिलों पे छा जाती है By Rubaai << क्या अर्ज़-ओ-समा में नज़र... ख़ुद-साख़्ता अफ़्साने सुन... >> जब मायूसी दिलों पे छा जाती है दुश्मन से भी नाम तेरा जपवाती है मुमकिन है कि सुख में भूल जाएँ अतफ़ाल लेकिन उन्हें दुख में माँ ही याद आती है Share on: