ज़ालिम दम-ए-नज़अ न आया अफ़सोस By Rubaai << दिल है मिरा रमना-ए-ग़ज़ाल... आसार-ए-ज़वाल >> ज़ालिम दम-ए-नज़अ न आया अफ़सोस अफ़्साना-ए-ग़म न सुनने पाया अफ़सोस थी जज़्बा-ए-दिल से हम को 'आसी' उम्मीद अफ़सोस अजब फ़रेब खाया अफ़सोस Share on: