जिस तरह असावरी के दिल की धड़कन By Rubaai << सड़कों पे तिरी फिरता था म... रखती है जो ख़ुश चाह तुम्ह... >> जिस तरह असावरी के दिल की धड़कन जैसे पिछले पहर का महका हुआ बन जैसे खिलते कँवल के सीने की उमंग छलका पड़ता है मद में डूबा जौबन Share on: