जिस तरह रगों में ख़ून-ए-सालेह हो रवाँ By Rubaai << सरमाए की अज़्मत का निशाँ ... उस शोख़ को हम ने जिस घड़ी... >> जिस तरह रगों में ख़ून-ए-सालेह हो रवाँ जिस तरह हयात का है मरकज़ रग-ए-जाँ जिस तरह जुदा नहीं वजूद ओ मौजूद कुछ इस से ज़्यादा क़ुर्ब ऐ जान-ए-जहाँ Share on: