मैं अपने कफ़न का सीने वाला निकला Admin सूफी शायरी हिंदी में, Rubaai << मैं सर पे गुनाहों का लिए ... कुछ लुत्फ़-ए-सुख़न वक़्त-... >> मैं अपने कफ़न का सीने वाला निकला हर साँस में मर के जीने वाला निकला 'माइल' क्या होश की यही बातें हैं सूफ़ी समझा तो पीने वाला निकला Share on: