मंजधार में हूँ पास किनारा भी नहीं By Rubaai << मिलता नहीं मुझ को नक़्श अ... किस नहज से हम ने इक कहानी... >> मंजधार में हूँ पास किनारा भी नहीं बस में मिरे इस दर्द का चारा भी नहीं दुनिया की रविश से ख़ुश नहीं हूँ लेकिन दुनिया को बदल देने का यारा भी नहीं Share on: