सब कहते हैं मरकज़-ए-बदी है दुनिया By Rubaai << अफ़्लास अच्छा न फ़िक्र-ए-... जो चाहिए वो तो है अज़ल से... >> सब कहते हैं मरकज़-ए-बदी है दुनिया किस की मरदूद की हुई है दुनिया शाकी दुनिया का है हर इक दुनिया में आख़िर किस के लिए बनी है दुनिया Share on: