साबित है तन में बादशाही दिल की Admin परेशानी शायरी, Rubaai << यारब मिरे दिल में है उजाल... नक़्शा लैल-ओ-नहार का खींच... >> साबित है तन में बादशाही दिल की पर की तिरी नख़वत ने तबाही दिल की ज़ाहिद ये ग़ुरूर दाग़-ए-पेशानी पर मुँह पर निकल आई है सियाही दिल की Share on: