ये बंदा-ए-ख़ाकसार या'नी 'नाज़िम' By Rubaai << जब अहल-ए-गुलिस्ताँ को शुऊ... क्या रंग-ए-ज़मीन-ओ-आसमाँ ... >> ये बंदा-ए-ख़ाकसार या'नी 'नाज़िम' आसी ओ गुनाहगार या'नी 'नाज़िम' इंसाफ़ नहीं कि यहाँ से जाए नौमीद बख़्शिश का उमीद-वार या'नी 'नाज़िम' Share on: