तिरे सीने में दम है दिल नहीं है By Rubaai << किस वास्ते साहिल पे खड़े ... आदम को ये तोहफ़ा ये हदिया... >> तिरे सीने में दम है दिल नहीं है तिरा दम गर्मी-ए-महफ़िल नहीं है गुज़र जा अक़्ल से आगे कि ये नूर चराग़-ए-राह है मंज़िल नहीं है! Share on: