आओ चलें कहीं दूर जहाँ तुम प्रेम विरह शायरी, Shayari << टूटी हुई डाली का दर्द उसक... ताज़ी है अब भी उस मुलाकात ... >> आओ चलें कहीं दूर जहाँ तुमऔर मैं हों प्रेम में चूर नही हो कोई और नज़र तेरी मेरी नज़र हो, एक दूजे में बेखबर Share on: