काग़ज़ के बेजान परिंदे भी उड़ते हैं जनाव Shayari << बड़ी अजीब है ये मोहब्बत बच्चों को पैर पर खड़ा करना... >> काग़ज़ के बेजान परिंदे भी उड़ते हैं जनावबस डोर सही हाथ में होनी चाहिए Share on: