ख़ुशी पैसों पर नहीं गुबार शायरी, Shayari << मेरी ज़िन्दगी ने आज ये कहक... देखा जो इश्क़ आँखों में त... >> ख़ुशी पैसों पर नहीं,परिस्थितियों पर निर्भर करती है.एक बच्चा गुब्बारा ख़रीद कर ख़ुश था,तो दूसरा....उसे बेच कर..!!! Share on: