कितने दुर तुमसे हो गए है Shayari << इन "आँखों" को समां हो फागुन का >> कितने दुर तुमसे हो गए है...अब तो बादलों से बाते होने लगी है...तुझसे बात होना गवांरा नही है...हवाओं से तेरा अहेसास पाने लगे है..!! Share on: