रात चुप हे मगर चाँद खामोस नही Shayari << हम भी किसी की दिल क... खिल सको तो फुल की तरह खि... >> रात चुप हे मगर चाँद खामोस नही ,केसे कहु आज फिर होस नही ऐसे डूबे हे उनकी यादों में की ,हाथ में जाम हे पर पिनेका होस नही ! Share on: