समां हो फागुन का फागुन पर शायरी, Shayari << कितने दुर तुमसे हो गए है कवायतें यादों की मान >> समां हो फागुन का या बारिश हो सावन की,,हसरतें सुलगती हैं.भीगते महीनों में Share on: