रिमझिम तो है मगर सावन गायब है Admin बचपन की दोस्ती शायरी, Sher O Shayari << पहना रहे हो क्यूँ मुझे त... लोग कहते हैं वक्त के साथ ... >> रिमझिम तो है मगर सावन गायब है,बच्चे तो हैं मगर बचपन गायब है..!!क्या हो गयी है तासीर ज़माने की यारोंअपने तो हैं मगर अपनापन गायब है ! Share on: