आग और धुआँ और हवस और है इश्क़ और By Sher << तुम तो कुछ ऐसे भूल गए हो ... हर इक की है पसंद अपनी हर ... >> आग और धुआँ और हवस और है इश्क़ और हर हौसला-ए-दिल को मोहब्बत नहीं कहते Share on: