आईना चुपके से मंज़र वो चुरा लेता है By Sher << आप ठहरे हैं तो ठहरा है नि... एहसास में शदीद तलातुम के ... >> आईना चुपके से मंज़र वो चुरा लेता है तू सजाता है बदन जब कभी उर्यानी से Share on: