आज कुछ ऐसे शोले भड़के बारिश के हर क़तरे से By Sher << बजा कि है पास-ए-हश्र हम क... अश्क अगर सब ने लिखे मैं न... >> आज कुछ ऐसे शोले भड़के बारिश के हर क़तरे से धूप पनाहें माँग रही है भीगे हुए दरख़्तों में Share on: