आज़ादी ने बाज़ू भी सलामत नहीं रक्खे By Sher << अगर बैठा ही नासेह मुँह को... बाक़ी ही क्या रहा है तुझे... >> आज़ादी ने बाज़ू भी सलामत नहीं रक्खे ऐ ताक़त-ए-परवाज़ तुझे लाएँ कहाँ से Share on: