आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई By Sher << साज़ से मेरे ग़लत नग़्मों... हुस्न को शर्मसार करना ही >> आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई Share on: