आँखें फूटें जो झपकती भी हों By Sher << लकीरें खींचते रहने से बन ... माना कि तेरा मुझ से कोई व... >> आँखें फूटें जो झपकती भी हों शब-ए-तन्हाई में कैसा सोना Share on: