आख़िर तो अर्श पर हैं अर्वाह-ए-शाइराँ भी By Sher << अहल-ए-ख़िरद को आज भी अपने... अब तो मय-ख़ानों से भी कुछ... >> आख़िर तो अर्श पर हैं अर्वाह-ए-शाइराँ भी जावेंगे वाँ तो उन की गर्म अंजुमन करेंगे Share on: