आँखों के पोछने से लगा आग का पता By Sher << बहुत तन्हा है वो ऊँची हवे... तड़प के रह गई बुलबुल क़फ़... >> आँखों के पोछने से लगा आग का पता यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ Share on: