आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा By Sher << जिन्हें ये फ़िक्र नहीं सर... दिल जो उम्मीद-वार होता है >> आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा Share on: