आँखों से पा-ए-यार लगाने की है हवस By Sher << इस शहर के लोगों पे भरोसा ... इस आरज़ी दुनिया में हर बा... >> आँखों से पा-ए-यार लगाने की है हवस हल्क़ा हमारे चश्म का उस की रिकाब हो Share on: